HEADLINE
Dark Mode
Large text article

*कोरोना महामारी ने पूरा जीवन चक्र ठप्प करके रख दिया है*

 *कोरोना महामारी ने पूरा जीवन चक्र ठप्प करके रख दिया है*





 बार बार के लॉकडाउन से जीवन अस्त व्यस्त हो गया है परंतु लोगों का जीवन बचाने यह आवश्यक भी है क्योंकि लोगों का जीवन लेने वाला शत्रु अदृष्य है। लॉकडाउन के अंतराल में किसानों को बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है सब्जी की खेती करने वालों को खाद, दवा इत्यादि वस्तुओं की निरंतर आवश्यकता पड़ती है वे उन्हे नहीं मिल पा रही है उसी प्रकार से रबी के धान में भी बाली निकलने की अवस्था है तो कहीं धान की कटाई हो रही है तो कही धान कट चुका है ऐसे में किसानों को हारवेस्टर, थ्रेसर ट्रेक्टर आदि यंत्रों की आवश्यकता पड़ रही है परंतु लॉकडाउन के कारण डीजल नहीं मिल पाने के कारण इन मशीनों से काम नहीं हो पा रहा है।





वहीं किसानों को एक और समस्या का सामना करना पड़ रहा है अभी सामने खरीफ फसल की तैयारी करनी है। लगभग शत प्रतिशत किसान समितियों के माध्यम से खाद एवं नकद ऋण उठाते है। लॉकडाउन में सभी शासकीय एवं अर्धशासकीय कार्यालय बंद होने के कारण किसानों को खरीफ की तैयारी हेतु दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। किसान धान खरीदी के समय ही अपना ऋण समायोजित करा लेते है और अप्रेल-मई माह में पुनः ऋण लेते है। इसके साथ ही वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए शासन, प्रशासन ने विवशता में लॉकडाउन लगाया है क्योंकि इस पर प्रदेश के मुखिया भूपेंश बघेल ने भी कहा है वे स्वयं लॉकडाउन के विरोध में है।





सरकार ने इस ओर भी ध्यान देते हुए किसानों की समस्याओं का हल निकालना चाहिए। कम से कम सहकारी साख समितियों एवं बैंकों को कार्यालयीन दिवस में एक निश्चित अवधि के लिए खोलने की छूट दी जानी चाहिए ताकि किसानों को खरीफ फसलों की तैयारियां करने में सुविधा हो। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन हो इस बात का भी ध्यान किसानों द्वारा रखा जाना आवश्यक है एवं किसानों ने ही अपनी जवाबदारी समझ इसका पालन करना चाहिए क्योंकि जीवन से बढ़कर कुछ भी नहीं है क्योंकि कहा गया है जान है तो जहान है।




भारतीय किसान संघ  के जिला महामंत्री श्री डोमन चंद्रवंशी ने कहा है की सरकार की ही सारी जिम्मेदारी नहीं बनती है किसानों ने भी कोविड उपयुक्त व्यव्हार का पालन करना चाहिए। इसके साथ ही जो किसान 31 मार्च तक ऋण पटाते है लॉकडाउन लगने से नहीं पटा पाए है उनके लिए सरकार ने 31 मार्च की समय सीमा बढ़ाकर 31 जून करनी चाहिए।क्योंकि वर्तमान समय में कोरोना के कारण जीवन तो अस्त व्यस्त हुआ ही है किसानों की आर्थिक स्थिति भी बुरी तरह प्रभावित हुआ है।ग्राम कोसमंदा के किसान  जयनारायण साहू,मुन्ना राम साहू,एवं तुलसी साहू बताते हैं बारिश के कारण चना का फसल बुरी तरह प्रभावित हो गया है जिससे बैंक का केसीसी भुगतान अब तक नहीं हो पाया।लेकिन सरकार द्वारा समय बढ़ाने पर व्यवस्था करने में मदद हो जाएगी।

Post a Comment