कृष्णा स्व सहायता समूह रेंगाखार खुर्द पर एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी कवर्धा मेहरबान
कृष्णा स्व सहायता समूह रेंगाखार खुर्द पर एकीकृत बाल विकास परियोजना अधिकारी कवर्धा मेहरबान
0 आर्थिक लेनदेन की मामला से नही किया जा सकता इनकार
कवर्धा -एकीकृत बाल विकास परियोजना कवर्धा अंतर्गत कृष्णा स्व सहायता समूह रेंगखार खुर्द के द्वारा सेक्टर समनापुर अंतर्गत संचालित समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट फूड का निर्माण कर वितरण किया जाता है समूह के कार्यों में अनेक प्रकार की अनियमितताएं सामने आने के बाद सेक्टर पर्यवेक्षक के द्वारा नोटिस जारी किया जाता था लेकिन समूह के अध्यक्ष एवं सचिवों के द्वारा नोटिस का जवाब संतोषप्रद नहीं दिया जाता जिसके चलते परियोजना अधिकारी ने स्वयं पत्र जारी किया किंतु उसके पत्र का भी जवाब देना समूह के द्वारा उचित नहीं समझा गया फिर भी समूह के ऊपर नियमानुसार कार्यवाही अब तक नहीं हुआ जो समझ से परे हैं साथ ही समूह के द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट फूड वितरण करते समय सामग्री वितरण पंजी (परिशिष्ट 5 ) में कुल आंगनबाड़ी केंद्रों को प्रदान की जा रही रेडी टू ईट फूड की मात्रा एवं प्राप्तकर्ता आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर होते हैं सामग्री वितरण पंजी (परिशिष्ट 5 ) में प्रतिमाह 4 से 5 कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर नहीं होता मतलब उन कार्यकर्ताओं को रेडी टू ईट फूड का वितरण आंगनबाड़ी केंद्रों में बांटने के लिए नहीं दिया जाता तभी तो पंजी में उनका हस्ताक्षर नहीं होता फिर भी उक्त समूह को पूर्ण भुगतान कर दिया जाता है जो समझ से परे है ।
परियोजना अधिकारी की मिलीभगत
परियोजना अधिकारी समूह के सदस्यों द्वारा आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट फूड का सप्लाई नहीं किए जाने और सामग्री वितरण पंजी में कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर नहीं होने के बावजूद समूह को पूर्ण भुगतान कर दिया जाता है इससे स्पष्ट होता है कि परियोजना अधिकारी और कृष्णा स्व सहायता समूह रेंगाखर खुर्द के बीच आर्थिक लेन देन किया जाता होगा तभी पूर्ण भुगतान हो जाता है यह जानकारी सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त दस्तावेजों से प्रतीत होता है ।
पर्यवेक्षक की भूमिका संदिग्ध
कृष्णा स्व सहायता समूह रेंगाखार खुर्द के द्वारा प्रतिमाह रेडी टू ईट फूड का निर्माण कर आंगनबाड़ी केंद्रों में वितरित किया जाता है तत्पश्चात परिशिष्ट 5 , सामग्री वितरण पंजी में सेक्टर अंतर्गत समस्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर युक्त प्रपत्र को सेक्टर पर्यवेक्षक के पास जमा किया जाता है लेकिन उक्त पंजी में कई कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर छूट जाते हैं फिर भी अधूरे प्रपत्र के आधार पर उन्हें भुगतान हेतु परियोजना अधिकारी के समक्ष पर्यवेक्षक के द्वारा प्रस्तुत कर दिया जाता है जिससे साबित होता है कि कहीं ना कहीं समूह सदस्यों व पर्यवेक्षक के बीच सांठगांठ की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता।