सरकारें आई और गई चाहे बीजेपी की हो या कांग्रेस की मूलनिवासियों के जीवन में कोई बदलाव नहीं आया !
सरकारें आई और गई चाहे बीजेपी की हो या कांग्रेस की मूलनिवासियों के जीवन में कोई बदलाव नहीं आया !!!
बडी दुख के साथ कहना पडता हैं 74 साल की आजादी मे???
इन्हें पहले कोल कहे भील.कहे करायत कहे आज नक्सली कह रहे है नक्सली के नाम से सबसे ज्यादा निदोँश आदीवासी जेल मे बंद है। रोज गाजर - मूली की तरह काटे जा रहें है
आज नक्सली के नाम से मदारी के बंदर की तरह यहाँ से वहीं नचाया जा रहा है चैन से रहने नही दिया जा रहा है
अपने ही प्रदेश/घर मे गुलाम /मजलूम की जिंदगी जिने मजबूर हैं???
दुनिया चंद्रमा मे पहुंच गया। इन्हें चैन से दो वक्त की रोटी नसिब नही हो पा रहा हैं
आज तक जो भी अधिकार मान सम्मान मिला है वो डाँ बाबा साहब अम्बेडकर के त्याग बलिदान के कारण है
आज 74साल की आजादी मे भी 100℅ संविधान लागू नहीं हो पाया है।
आज अधिकारी कमँचारीयो को भी अपनी संवैधानिक अधिकारो के लिए रोड मे आकर लड़ना पड़ रहा हैं
ये सब आज तक के सरकारों की गलत नियत व नीति का परिणाम है??????