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ऐसी अनदेखी:मुख्यालय में नहीं रहते सचिव, जब मन लगे तब खोलते हैं पंचायत

 ऐसी अनदेखी:मुख्यालय में नहीं रहते सचिव, जब मन लगे तब खोलते हैं पंचायत



0 जिला मुख्यालय के बने निवासी


कवर्धा-पंचायत भवन में लटकते ताले सचिवों की लापरवाही को लगातार उजागर कर रहे हैं। उनकी लापरवाही से सरकारी योजनाएं कमरे में कैद हैं। ग्रामीणों को शासन की योजनाओं की जानकारी एवं उनका लाभ नही मिल पाने से वे असमंजस की स्थिति में है।


छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार ग्रामीण तबका की जिंदगी को बेहतर बनाने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को पंचायत स्तर पर क्रियान्वित कर रही है, पर इसे क्रियान्वयन करने वाले सचिव लापरवाही बरतने से बाज नही आ रहे।पंडरिया विकासखंड के ग्राम पंचायत  अमलिमलगी में भी सचिव की लापरवाही को पंचायत भवन में ताला लटका हुआ है। सचिव  के पंचायत भवन में अपने कार्यो के लिए  कभी कभार ,समय बे समय आकर अपना कार्य निपटा लेते हैं । जब पंचायत भवन के पास ही रहने वाले ग्रामीणों से जानकारी लेनी चाही तो उनका कहना था कि सप्ताह ,पन्द्रहदिन  में एक दिन पंचायत भवन खुलते देखा जाता है, बाकी दिन ग्रामीण अपने कार्यों के लिए सचिव के आने एवं पंचायत भवन के खुलने का इंतजार करते हैं।


ग्राम पंचायत अमलिमलगी में पंचायत भवन बहुत ही अच्छी तरह से बना हुआ है जो स्वयं के भवन में संचालित होता है । एक ओर जहां कांग्रेस शासित प्रदेश में सचिव पंचायती राज की धज्जियां उड़ाकर शासन की योजनाओं को बेकार करने में जुटे हुए है,तो वही ग्राम पंचायत अमलिमलगी का सचिव एवन चन्द्रवंशी कांग्रेस के बड़े नेताओँ का नाम भी धूमिल कर रहा है। गाँव के ही  रहने वाले दिलीप साहू  ने बताया कि अक्सर ग्रामीण अपने कार्य एवं शासन की योजनाओं की जानकारी लेने पंचायत भवन जाते हैं तो पंचायत में ताला लगा होता है जब उनसे फोन पर जानकारी लेने पर आज कल पंचायत आऊंगा करके हितग्राहियों को घुमाते रहता है  पर सचिव सप्ताह में मात्र एक दिन भवन का ताला खोलकर ग्रामीणों से कुछ देर के लिए ही मुलाकात करता है।वही जनपद सदस्य प्रतिनिधि  प्रशांत खांडे ने बताया कि सचिव एवन चन्द्रवंशी को पंचायत के लोगो के कार्य व सरकारी योजनाओं को लेकर सचिव को कोई रुचि नही है जब उन्हें कुछ काम रहता है तो कभी भी कोई भी समय मे आ कर चुपचाप अपना काम निपटा लेता है ।


जिला मुख्यालय  में निवास करता  है पंचायत सचिव 


अमलिमलगी पंचायत सचिव महीने के अधिकांश दिन जिला मुख्यालय में छुट्टियां बिताता है। ऐसे में कार्यालयीन दिवस के दौरान पंचायत भवन में ताला लटकते आसानी से देखा जा सकता है। सचिव पंचायत के कार्यों में लापरवाही बरतने से कही भी बाज नही आ रहा। यही कारण है कि अमलिमलगी में हर तरफ अव्यवस्था का आलम है। ग्रामीणों के अनुसार पंचायती राज के कार्य एवं गांव में फैली अव्यवस्था के संबंध में सचिव को लाख बार बताने के बाद भी ध्यान नहीं देता, जिससे अमलिमलगी में पंचायती राज के काम पूरी तरह प्रभावित है।


अधिकारियों का सचिव पर नहीं कोई नियंत्रण


 पंचायती राज को व्यवस्थित रूप से चलाने के लिए जितना सचिव जिम्मेदार है, उतना ही उन पर नियंत्रण करने के लिए जनपद के अधिकारी भी जिम्मेदारी के दायरे में आते हैं, पर सचिवों की लापरवाही देखने के बाद पता चलता है कि जनपद के अधिकारियों का सचिवों की कार्यशैली पर से नियंत्रण पूरी तरह हट चुका है। यही कारण है कि सचिव अपनी कार्यशैली से शासन प्रशासन का नाम धूमिल करने से कही भी बाज नहीं आ रहे। अमलिमलगी में इन दिनों जिसका जीता जागता उदाहरण बना हुआ है ।

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