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*शाश्वत फाउंडेशन द्वारा विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन*..

 *शाश्वत फाउंडेशन द्वारा विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन*.. 




*गंडई पंडरिया* :- रविवार को गंडई कालेज में शास्वत फॉनडेशन के तत्वाधान में विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन  किया गया। रविवार सुबह 10 बजे विशाल रक्तदान शिविर का प्रारंभ किया गया। रक्तदान शिविर में आस- पास के युवा समेत नगर की तमाम सामाजिक सेवाभावी व्यक्तियों ने भाग लिया। रक्तदान कर दूसरों की जिन्दगी बचाने का संकल्प लिया। रक्तदान शिविर में लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया। शिविर में रक्तदान करने पहुंचे युवाओ में काफी उत्सुकता दिखाई दी। शास्वत फॉऊंडेशन कार्यक्रम में सक्रिय भूमिका का निर्वहन किया। लोगों ने उत्साह के साथ रक्त दान किया। कार्यक्रम का सफल  संचालन डॉ भीमराव अंबेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर ( मेकाहारा) के सहयोग से ब्लड बैंक के सहयोग से किया गया। मेकाहारा से पहुंचे मेडिकल ऑफिसर डॉ आदित्य सिन्हा, डॉ. एशिक बिश्वास, तकनिशियन मनोज दास, निमित बांबेश्वर, एमएसडब्ल्यू सुलता बिश्वास, मेडिकल सहयोगी शोभराम साहू, राकेश बंजारे, पैरामेडिकल शुभाजित, मिथलेश ने रक्तदान को सफल बनाया। 

           गंडई कालेज में सुबह 10 बजे से  प्रारंभ शिविर का समापन शाम 4 बजे हुआ। इस दौरान 90 रक्तदाताओं ने महादान किया। नगर संहित आस पास के युवाओं ने संयुक्त रूप से शिविर का विधिवत उद्घाटन किया। शिविर के समापन के समय शास्वत फॉनडेशन के डायरेक्टर घनश्याम साहू ने मेकाहारा ब्लड बैंक और सभी आयोजको, रक्तदाताओं के प्रति धन्यवाद जाहिर किया। और रक्तदान से होने वाले के फायदे के बारे में बताए। उन्होंने बताया कि ब्लड का उत्पादन नहीं किया जा सकता और न ही इसका कोई विकल्प है। लेकिन रक्त दान से किसी की जिन्दगी बच सकती है। देश में हर साल हजारों मरीज खून की कमी के वजह से नही बच पाते।  हमारे शरीर में कुल वजन का 7% हिस्सा खून होता है। 25 प्रतिशत से अधिक लोगों को जीवन में खून की जरूरत पड़ती है। शरीर के लिए रक्तदान बहुत ही लाभदायक है। रक्तदान से बड़ा दान कोई नही है।

0 रक्तदान करने से कैंसर व अन्य बीमारियों का खतरा कम : डॉ आदित्य

एमडी डॉ आदित्य सिन्हा ने बताया कि ब्लड डोनेशन से हार्ट अटैक की आशंका कम हो जाती है। डॉक्टर्स का मानना है कि डोनेशन से खून पतला होता है। पतला खून हृदय के लिए अच्छा होता है। एक नई रिसर्च के मुताबिक नियमित ब्लड डोनेट करने से कैंसर और दूसरी बीमारियों के होने का खतरा भी कम हो जाता है। क्योंकि रक्तदान से शरीर में मौजूद विषैले पदार्थ बाहर निकल जाता है। ब्लड डोनेट करने के बाद बोनमैरो नए रेड सेल्स बनाता है।  शरीर को नए ब्लड सेल्स मिलने के अलावा तंदुरुस्ती भी मिलती है। डॉ सिन्हा ने कहा कि ब्लड डोनेशन सुरक्षित व स्वस्थ परंपरा है। इसमें जितना खून लिया जाता है, वह 21 दिन में शरीर फिर से बना लेता है। 18 साल से अधिक उम्र के स्त्री-पुरुष, जिनका वजन 50 किलोग्राम या अधिक हो, वर्ष में तीन-चार बार ब्लड डोनेट कर सकते हैं।

       शिविर में मुख्य रूप से सहयोग करने वाले शाश्वत फॉनडेशन के घनश्याम साहू, रूपेंद्र ध्रुवे, लिकेश्वर ध्रुव, श्रीराम साहू, खेलू साहू, सुनील जंघेल, देवदास तारण, वेदांत देवांगन, टेकन निषाद, आशीष जोशी व दिनेश टंडन इकबाल कुरैशी मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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