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कवर्धा।बिग ब्रेकिंग। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में करोड़ों रुपए को पका पकाया सीरप पिछले 25 दिनों से पानी की तरह बह रही। 16 हजार किसानों के साथ धोखेबाजी। कारखाना प्रबधक को सुध तक नहीं, अपने दायित्वों से रह रहे नादरत।

 कवर्धा।बिग ब्रेकिंग। भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में करोड़ों रुपए को पका पकाया सीरप पिछले 25 दिनों से पानी की तरह बह रही। 16 हजार किसानों के साथ धोखेबाजी। कारखाना प्रबधक को सुध तक नहीं, अपने दायित्वों से रह रहे नादरत।



कवर्धा। कबीरधाम जिले में स्थित भोरमदेव सहकारी शक्कर कारखाना में लगातार 25 दिनों से पका पकाया  करोड़ो रूपये की सीरप (शक्कर बनने की अंतिम प्रक्रिया)  नली में  पानी की तरह बह रही है। 




 आपको बता दे की कुछ दिनों पहले भी सीरप बहाने की खबर प्रकाशित किया गया था। किंतु उन समय अस्थायी व्यवस्था कर  काम चालू कर दिया गया था। किंतु पिछले  25दिनो से  पुनः यही प्रक्रिया जारी है की पका पकाया हुए मेटेरियल (सीरप)  का  लगातार बहाव हो रहा है।जिससे  कारखाने सहित ,16 हजारों किसानों को भी करोड़ो रुपए की भारी नुकसान का अनुमान लगाया जा रहा  है।  इसकी सूचना विभागीय अधिकारियों को होने के वावजूद भी चुप्पी साधे बैठे है जो समझ से परे हैं।





वहीं मौके  पर कार्यरत कर्मचारियों से बातचीत पर  उनका कहना है की पिछले 18-20 सालों में ऐसा कभी नहीं हुआ है।इस तरह की घटना पहले बार है।इससे कभी भी  हमारी कभी भी जान जा सकती है। क्योंकि सीरप का  बहुत ज्यादा गर्म होता है। शरीर के किसी भी अंग पर पड़ने से  तुरंत जल जायेग।जन जोखिम में डालकर काम रहे है।। पिछले कुछ दिनों पहले भी इसकी की सूचना विभागीय अधिकारियों को  दिया गया है, लेकिन  अधिकारीय अपना बचाव करते हुए  बहे हुए सीरप को पानी से साफ करा कर अस्थाई व्यवस्था करके काम चालू करवा दिये। लेकिन सीरप बहते ही रहा। 

  

मिली जानकाकरी के अनुसार आपको ये भी बता दे की  यदि  स्थिती यथावत रही और उसकी कोई उचित समाधान नहीं निकला गया  तो निश्चित ही करोड़ो रुपए की सिरप पानी की तरह बहकर  खराब हो जायेगा।


वहीं कारखाना प्रबंधक भूपेंद्र ठाकुर अपना बचाव करते हुए कह रहे हैं की उनको  इसकी कोई  जानकारी नहीं है।


कारखाना मजदूर संघ के अध्यक्ष जगदीश बंजारे का कहना की 25 दिनों से बह रहे सीरप की जानकारी प्रबंध संचालक को दिया गया है। वह अपनी गलती छुपाने के लिए इस मामले  को  दबाने की कोशिश कर रहे है। यह निंदनीय है। जांच का विषय है ,इसकी जांच होना चाहिए।

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