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*मेडिकल फर्जीवाड़ा ...जॉच में दोषी ठहराये गए, विभाग ने इनाम में दिया उच्च पद का प्रभार, सी एम ओ की भूमिका सवालों के घेरे में। एफ आई आर की धाराओं में अब तक नही हुई कार्यवाही।*

 *मेडिकल फर्जीवाड़ा ...जॉच में दोषी ठहराये गए, विभाग ने इनाम में दिया उच्च पद का प्रभार, सी एम ओ की भूमिका सवालों के घेरे में। एफ आई आर की धाराओं में अब तक नही हुई कार्यवाही।*



कवर्धा:-  बता दे कि इस जिले के प्रभारी मंत्री ही स्वास्थ्य मंत्री है उनके साथ साथ जिले में कद्दावर कैबिनेट मंत्री भी है लेकिन उसके बावजूद कबीरधाम में स्वास्थ्य विभाग प्रदेश भर में कही सुर्खियों में है तो वो कबीरधाम है यहाँ स्वास्थय विभाग के अनेकों चर्चित मामलें सामने आते है उनमें से एक पूर्व में एक मामला आया था जिसमे शहर के इकलौते 100 बिस्तरीय जिला अस्पताल में घटित बहुचर्चित मेडिकल फर्जीवाड़ा मामले में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। जिले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी के कार्यकालयीन आधिकारिक पत्र दिनांक 13/10/2022 में इसका खुलासा हुआ है। यहाँ ये बताना लाजिमी होगा कि मामले में आई पी सी की धारा 420,467,468,471 के तहत कवर्धा थाने में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफ आई आर 255/2022   दर्ज है। मुख्यमंत्री के जन चौपाल कार्यक्रम के आवेदक को मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने एफ आई आर 255/2022  की जानकारी में बताया कि मामले में मेडिकल बोर्ड लिपिक दीपक सिंह ठाकुर और प्रभात चन्द्र प्रभाकर के खिलाफ अन्यत्र ट्रांसफर की उचित कार्यवाही की गई है।

*क्या है नियम जाने* :- जांच में दोषी मिलने के बाद दोषियों को निलंबित कर विभागीय जांच करवाया जाना है।  लेकिन विभाग ने नियम को दरकिनार कर दोषियों को ट्रांसफर कर उच्च पद प्रभार सौंपा है। और न ही दोषियों के ऊपर एफ आई आर की पंजीबद्ध धाराओं में कार्यवाही  कि गई। ऐसे में मुख्य चिकित्सा अधिकारी की भूमिका पर सवाल खड़े होना लाजिमी है।


बता दें मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने ट्रांसफर की कार्यवाही में दीपक सिंह ठाकुर को अपने कार्यकाल में लेखपाल का प्रभार सौंपा है वही प्रभात चन्द्र प्रभाकर को जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही का सी एम ओ बनाया गया है, दोनो को ट्रांसफर में दी गई पद पदोन्नति के बाद वरिष्ठता के आधार पर दिये जाने वाले उच्च पद का है। 


आखिर मामले की दोषियों खिलाफ विभाग द्वारा निलंबन कर विभागीय जांच और पुलिस द्वारा एफ आई आर की पंजीबद्ध धाराओं  में कार्यवाही क्यों नहीं कि जा रही है,ये एक बड़ा सवाल आज भी बना हुआ है।


*कबीरधाम स्वास्थ्य विभाग के कारनामें सुर्खियों में*

लगातार कुछ सालों में देखा जाए तो पूरे प्रदेश भर में कबीरधाम जिले का  स्वास्थ्य विभाग साल भर से सुर्खियों में बना हुआ है,नए नए कारनामें इस विभाग में देखे जा सकते है इस जिले के स्वास्थ्य अधिकारी अपने मनमाने तरीकों से अनोखे अंदाज से स्वास्थ्य विभाग को चलाते है ,अपने भ्रस्ट चहेतों को सरंक्षण देते हुए नजर आ रहे है ,अब तक देखा जाए तो अनेकों मामले है जिन पर कार्यवाही के बजाय सरंक्षण देते हुए नजर आए, सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अब तक इतने बड़े मामले पर भी सिर्फ अपने ही मनमानी करते हुए नजर आए आखिर क्यों अपने चहेतों को  स्वास्थ्य अधिकारी सरंक्षण दे रहे है क्यों कई कर्मचारियों का ट्रांसफर अन्यत्र  होने के बावजूद उन्हें अपने पास जमाये हुये है इससे स्वास्थ विभाग के कार्यशैली पर लगातार सवाल उठ रहे है वही जो कर्मचारी सच के लिए आवाज उठाता है उन्हें नोटिस देकर या फिर स्थान्तरण करवाकर प्रताड़ित किया जाता है, स्वास्थ्य विभाग के कारनामें जितना गिनाया जाए  कम है।यहाँ तृतीय कर्मचारी को नर्सिंग होम एक्ट का प्रभारी बना दिया जाता है जिससे जिले में कार्यवाही की क्या उम्मीद की जा सकती है समझ सकते है कि नर्सिंग होम प्रभारी को कितना ज्ञान होगा जिससे वो कार्यवाही कर पायेगा इसलिए आज जिले में झोलाछाप बिना डिग्री धारी डॉक्टरों की भरमार है अवैध लैब की भरमार है, और तो और निजी कामों के लिए भी जमकर सरकारी गाड़ियों का उपयोग करते देखा जाता है,जो कर्मचारी ईमानदारी से कार्य कर रहे, उन्हें उल्टा प्रताड़ित किया जाता है, वही कर्मचारी अगर रहने के लिए आवास के बारे में बात करे तो ,उल्टा उन्हें नोटिस थमा दिया जाता है , वही बड़े ओहदे वाले कर्मचारी ट्रांसफर होने के बावजूद कइयों महीनों तक सरकारी क्वाटर पर कब्जा जमाए हुए होते है ,कभी खुले में कीमती सामान छोड़ दिया जाता है, कही खुले में दवाइयों को फेक दिया जाता है ,तो कही नसबन्दी के आड़ में खुद ही डॉक्टर और स्टॉप प्रेरक बनकर लाखों रुपयों की राशि आहरण करते हुए देखे जाते है ,आखिर स्वास्थ्य विभाग में चल क्या रहा है ,क्यों इतने लापरवाही पूर्वक कारनामें किये जा रहे है ये बड़ा सवाल है।



*मंत्री अकबर के  जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार देने के प्रयासों पे, लापरवाह अधिकारी फेर रहे पानी*

कबीरधाम जिले के जनप्रिय कद्दावर नेता कैबिनेट मंत्री मोहम्मद अकबर लगातार चार सालों से स्वास्थ्य विभाग में डॉक्टरों की नियुक्ति से लेकर आधुनिक जांच मशीन जैसी सुविधाओं पे लगातार प्रयासरत है , जिलेवासियों को डायलिसिस की सुविधाएं प्रदान की जिससे उन्हें अब रायपुए या बिलासपुर नही जाना पड़ेगा अब तक 21 मरीजों को 700 बार डायलिसिस किया जा चुका है वहीं सोनोग्राफी की भी सुविधाएं लोगों को मिल रहा ,नार्मल डिलवरी के साथ साथ अब ऑपरेशन की भी सुविधाएं उपलब्ध है कैबिनेट मंत्री अकबर कोरोनाकाल से लेकर अब तक लगातार बेहतर स्वास्थ्य सेवा जिलेवासियों को देने के लिए तत्पर है, उन्होंने लगातार डॉक्टरों की नियुक्ति कर स्वास्थ्य सुविधा बेहतर किया है ,लेकिन कही न कही लापरवाह अधिकारी मंत्री महोदय की मेहनत पर पानी फेर रहे है ,इनके लापरवाह रवय्ये के कारण अब तक कई डॉक्टर कर्मचारी अन्यत्र जिले में चले गए ,इससे कही न कही लोगो को अब असुविधा हो रही है आखिर इस लापरवाह अधिकारी पर इतनी मेहरबानी क्यों ये सवाल जिलेवासियों के मन मे लगातार है।

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