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गेरूखदान प्राथमिक शाला में शिक्षक रहते हैं नदारत पांचवी कक्षा के बच्चों को अक्षर का ज्ञान नहीं

  गेरूखदान प्राथमिक शाला में शिक्षक रहते हैं नदारत पांचवी कक्षा के बच्चों को अक्षर का ज्ञान नहीं



ग्रामीणों ने बताया दो शिक्षक है जो महिनों नहीं आते रसोइया बताया समुह से बैंक में जाकर शिक्षक खाता पैसा निकालकर दाल चांवल का ब्यवस्था कर देते हैं ।


गेरूखदान प्राथमिक शाला में चार बच्चे उपस्थित मिले शिक्षकों के प्रति ग्रामीणों में रोष।



खैरागढ़ -  छुईखदान क्षेत्र अंतर्गत ग्राम घोठा शासकीय प्राथमिक शाला में शिक्षक महिनों नहीं आते

वही हमारे संवादाता ने जायजा लेने गुरुवार को अचानक गेरूखदान घोठा प्राथमिक शाला में पहुंचे। जहां पर चार बच्चे उपस्थित रहे।

  बच्चों ने बताया हमारे शिक्षक महिनों में एक दो बार स्कुल आते हैं ।और तत्काल चले जाते हैं। गंभीर समस्या को लेकर ब्लाक शिक्षा अधिकारी श्री डड़सेना जी से संपर्क किया गया।

  तथा वस्तु स्थिति को देखते हुए विडियो बनाकर ग्रामीणों का बी ओ छुईखदान को भेजा गया।

  पांचवीं कक्षा के बच्चे से मध्यान्ह भोजन को पढ़ने कहा गया जहा पर बच्ची अक्षर को नहीं बता सकी जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है।

   सरकार लाखों रुपये खर्च कर रही है स्कुलों में पढ़ाई के लिए लेकिन शिक्षक इतने बेखौफ रहते हैं स्कुल ही नहीं जाते जिससे शिक्षा ब्यवस्था बूरी तरह से चरमरा गई है।

   आदिवासी बाहुल इलाके में शिक्षक शिक्षा को चौपट करने में तुले हुए हैं ऐसे शिक्षकों पर कठोर ठोस कदम उठाते हुए अक्षम्य अपराध पर दंडात्मक कार्यवाही करतें हुये कड़ी सजा दी जाये।

   ग्रामीणों में रोष व्याप्त है जल्द कार्यवाही करने की मांग किये हैं ग्राम पटेल शंभू मेरावी जो पंच है एवं ग्राम पटेल भी है उन्होंने कहा हमने बहुत बार स्कुल आने को कहते हैं पर शिक्षक नहीं आते वही ग्राम वासी रुतमु ने कहा पलेश्वर गुरुजी तो महिनों दिनों बाद एक या दो बार ही आते हैं मेरा लड़का चौथी पड़ता है अपना नाम भी नहीं लिख सकता हमारे बच्चे के भविष्य के खिलवाड़ करने वाले शिक्षकों पर कड़ी कार्रवाई की जाये।


स्कुल हाल भी खस्ता हो चुका है कभी लिपाई पुताई नहीं होती यहां तक वहां पर टाटपट्टी कुर्सी टेबल भी नहीं दिखाई दिया ऐसे स्कुल लग रहा है जैसे कोई जानवर का कोठा है लापरवाही का आलम इतना ज्यादा है की आप सोच भी नहीं सकते की स्कुल है या क्या है रसोईघर में बर्तनों की साफ सफाई भी ढंग से नहीं होती चार बच्चों के लिए खाना बना था जिसमें दाल और छोटा सा गंजी में चांवल सरकार की मंशा पर ये शिक्षक पानी फेर रहें हैं। जिसकी जानकारी मिडिया के माध्यम से तत्काल बी ओ छुईखदान को भेजा गया है।

  जिसमें जांच करने की बात कही गई है ।

  ए बी ओ एवं संकुल समन्वयक मनोज मरकाम को जांच अधिकारी बनाया गया है अब आगे देखना होगा शिक्षा विभाग इन महाशयों के ऊपर कैसी कार्यवाही करती है ।

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