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*विधि विधायी मंत्री के क्षेत्र का स्वास्थ्य विभाग नियम कानून की उड़ा रहा धज्जियां।*

 *विधि विधायी मंत्री के क्षेत्र का स्वास्थ्य विभाग नियम कानून की उड़ा रहा धज्जियां।*



कवर्धा :- प्रदेश सरकार के विधि विधायी मंत्री मोहम्मद अकबर के क्षेत्र का स्वास्थ्य विभाग सरकार के नियम निर्देशो की धज्जियां उड़ा रहा है। लिपिकों के हिंदी टाइपिंग की कौशल परीक्षा लिये बिना ही सी एम एच ओ ने  04 लिपिकों को उत्तीर्ण व 02 को अनुत्तीर्ण कर रिजल्ट जारी किया है। 

*बिना परीक्षा लिए जारी किया रिजल्ट, आर टी आई से हुवा खुलासा :-* 31 मार्च 2023 को  आर टी आई के तहत लिपिकों के हिंदी टाइपिंग कौशल परीक्षा के लिए समिति गठन, प्रश्न पत्र, परीक्षार्थियों की उत्तर पत्र, परीक्षा समिति द्वारा अनुमोदित परीक्षा परिणाम की मांग की गई। 12 पेज की दी गई जानकारी   में सीएमएचओ कार्यालय से ऐसा कोई दस्तावेजी साक्ष्य नहीं दे पाए जिससे ये प्रमाणित हो सके कि परीक्षा समिति ने दिनांक 28/08/2018 को लिपिकों की कौशल परीक्षा लिया है और परीक्षार्थियों के उत्तर पत्र का मूल्यांकन कर परीक्षा परिणाम बनाकर अभिप्रमाणित किया है।  05 साल के लम्बे अंतराल में तीन सीएमएचओ बदल जाने के बाद  और वर्तमान सीएमएचओ के स्वयं के एक वर्ष का कार्यकाल बीत जाने के बाद सीएमएचओ के जारी रिजल्ट में सवाल खड़े होना लाजिमी है।


*जाने क्या है पूरा मामला :-* शासन के अनुकम्पा नियुक्ति नियम 2013 के नियम 10 (3) के तहत अनुकम्पा नियुक्त लिपिकों को हिन्दी टाइपिंग की कौशल परीक्षा पास करने के बाद ही वेतन वृद्धि दिया जाना है। सी एम एच ओ ने इस नियम को दरकिनार कर लिपिकों को प्रथम नियुक्ति दिनांक से वेतनवृद्धि दे दिया है, इससे शासन को लगभग 40 से 50 लाख का भारी भरकम क्षति पहुंची है। मामले का बकायदा लिखित शिकायत दर्ज होने के बाद भी अवैध भुगतान पर रोक लगाने, वसूली कर शासकीय खजाने में जमा करने की कोई पहल नहीं किया गया। 

*लिपिकों की वरिष्ठता होती है प्रभावित :-* सम्भगीय संयुक्त संचालक स्वास्थ्य सेवाएं रायपुर ने 01 मार्च 2023 को सहायक ग्रेड 3 की वरिष्ठता सूची जारी किया है। सूची में अनुकम्पा नियुक्त लिपिकों को कौशल परीक्षा पास नही होने के कारण उनकी वरिष्ठता का निर्धारण नही किया गया है। 

*नही थमा अवैध भुगतान का सिलसिला :-* सीएमएचओ ने 23 मार्च 2023 कौशल परीक्षा परिणाम में उत्तीर्ण लिपिकों मो वेतनवृद्धि स्वीकृति प्रदान की है। इसके बावजूद माह मार्च का वेतन जो अप्रेल में भुगतान हुवा उसमे उत्तीर्ण और अनुत्तीर्ण दोनो लिपिकों को पहले की तरह ही नियुक्ति तिथि से वेतनवृद्धि के साथ अधिक वेतन भुगतान किया गया है।


*रिजल्ट को निरस्त करने प्रमुख सचिव से की गई शिकायत :-* स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव से शिकायत कर सीएमएचओ द्वारा बिना परीक्षा लिए ही 05 वर्ष पूर्व के परीक्षा का हवाला देते हुए जारी किए गए रिजल्ट को निरस्त करने की मांग किया गया है।

ऐसे कयाश लगाए जा रहे कि मामले में लगातार खबरें प्रकाशित होने व शिकायतों को देखकर  लिपिकों को अवैध भुगतान की वसूली से बचाने और वरिष्ठता सूची में स्थान दिलाकर पदोन्नति करवाने आनन फानन में  लीपापोती कर मामले को दबाने के लिए रिजल्ट जारी किया गया है। बहरहाल इसका सही खुलासा तो जांच के बाद हो ही जायेगा। लेकिन क्षेत्रीय विधायक और प्रदेश सरकार के कद्दावर मंत्री के क्षेत्र में शासन के नियम के विरुद्ध कार्य कर शासन को आर्थिक क्षति पहुंचाने का  सिलसिला कब रुकेगा ये एक बड़ा सवाल आम जन मानस में बना हुआ है।

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