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*बोड़ला BEO का ऑफिस बना कर्मचारियों के लिए पिकनिक स्थान जब चाह आये जब चाह चले गए*

 *बोड़ला BEO का ऑफिस बना कर्मचारियों के लिए पिकनिक स्थान जब चाह आये जब चाह चले गए*

 


फिरोज खान की खास रिपोर्ट


बोड़ला - बोड़ला विकास खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय की बात की जाये तो ये हमेंशा देखने को मिलता है की वहाँ कार्यरत कर्मचारी कभी भी कार्यालय खुलने के बाद उपस्थित नही होते अक्सर ये दिखता है की कोई 12 बजे आ रहा है तो कोई आता ही नही है। लगातार मिल रही शिकायत पर जब कार्यालय जाकर देखा गया तो वहां सिर्फ दो चपरासी और तीन स्टाफ ही नज़र आया। ऐसे में बी ई ओ चंद्राकर से बात हुई तो उन्होंने बताया की मै निर्वाचन ड्यूटी में हूँ। ए बी ओ नायक भी निर्वाचन ड्यूटी में है। शेखर सिंग राजपूत ने बताया की मै पोंडी साइड फील्ड में हूँ तो बी ई ओ चंद्राकर ने  बताया की राजपूत भी निर्वाचन में है गजब का तालमेल है विभाग में जो एक दूसरे का साथ देते नज़र आते है, जब अधिकारी ही अधीनस्थ कर्मचारी को सपोर्ट करेंगे तो कार्य में गुडवकत्ता की उम्मीद कैसे की जाएगी। DEO   साहू ने फोन रिसीव नही किया तो उनकी अनुपस्थिती का कारण पता नही चल पाया। बोड़ला कार्यालय में बी ई ओ चंद्राकर, शेखर सिंग राजपूत ए बी ओ, डी एस साहू ए बी ओ, हरेकृष्ण नायक ए बी ओ, आरती अग्रवाल, प्रकाश धुर्वे, विजय पाण्डेय, रमू सिंह, श्रवण अग्रवाल, श्याम लाल तेम्बुलकर, किशन धर्मी, रामबती धुर्वे, दीपक झारिया इतने कर्मचारी होने के बाद सिर्फ आरती अग्रवाल, प्रकाश, विजय पाण्डेय, रम्मू सिंग और दीपक झारिया ही उपस्थित मिले। कार्यालय के काम को लेकर जब कोई शिक्षक विभाग में आता है तो उसे दो घंटा इंतजार करना पड़ता है ऐसे में हो रही परेशानी को लेकर एक शिक्षक ने बताया कि यह रोज का काम है कोई भी उपस्थित नहीं रहते और परेशानी हमे उठानी पडती है। इतना कर्मचारी होने के बाद भी पास के स्कूल के शिक्षक को कार्यालय में बैठकर कार्य कराया जाता है और कार्यलय के कर्मचारी नदारद रहते है। ऐसे में स्कूलों का हाल भी बेहाल  है बोड़ला  ब्लॉक में लगभग कई स्कूलों में शिक्षक अपने टाइम पर नहीं पहुंचते जिसे बच्चों को सही शिक्षा नहीं मिल पा रहा है जब जिम्मेदार ही लापरवाही करें तो कैसे स्कूलों का हाल ठीक हो

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