फर्जी हस्ताक्षर करने वालो की शिकायत करना मनीष जॉय को पड़ा भारी जे डी रायपुर ने किया निलंबित।
फर्जी हस्ताक्षर करने वालो की शिकायत करना मनीष जॉय को पड़ा भारी जे डी रायपुर ने किया निलंबित।
कवर्धा :- जिला अस्पताल कवर्धा के नेत्र सहायक अधिकारी मनीष जॉय के फर्जी हस्ताक्षर करके कलर ब्लाइंड से अनफिट नव आरक्षक को फिट मेडिकल दिया गया। मनीष जॉय ने मामले की शिकायत विभागीय अधिकारियों और पुलिस अधीक्षक से की जिसमें कवर्धा थाना में अज्ञात आरोपियों के खिलाफ अलग अलग धाराओं में एफ आई आर नम्बर 0255/2022 पंजीबद्ध किया गया। मनीष जॉय का फर्जी हस्ताक्षर करने वाले आरोपी आज पर्यन्त स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की पकड़ से बाहर है।
स्वास्थ्य विभाग के सम्भागीय संयुक्त संचालक रायपुर ने मामले में शिकायतकर्ता मनीष जॉय को ही निलंबित कर दिया है। साथ ही मनीष जॉय के खिलाफ ही थाने में प्राथमिक दर्ज कराने भी कहा है। ऐसे में सम्भागीय संयुक्त संचालक के कार्यवाही पर सवाल खड़े होना लाजिमी है। भविष्य में कोई कर्मचारी किसी भी अप्रिय घटना को अपने वरिष्ठ अधिकारी को सूचित करने से कतरायेगा। सम्भागीय संयुक्त संचालक मनीष जॉय का फर्जी हस्ताक्षर करने वाले के खिलाफ कोई कार्यवाही क्यों नही कर रहे है। या यूं कहें कि कार्यवाही करने से कतरा रहे है। विभागीय सूत्रों की माने तो मामले के वास्तविक दोषी अधिकारियों को बचाने के लिए प्रकरण को दबाने की मंशा से मनीष जॉय को निलंबित किया गया है।
*फर्जी लिखावट और हस्ताक्षर डॉ प्रभाकर की :-*
मनीष जॉय ने पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर बताया है कि, बर्खास्त नव आरक्षक के प्रमाण पत्र में मेडिकल जांच के लिखावट और झुठी नेत्र जांच रिपोर्ट की लिखावट व फर्जी हस्ताक्षर डॉ प्रभात चन्द्र प्रभाकर की है। हैंडराइटिंग विशेषज्ञ से जांच कर पुष्टि करने की मांग किया है। यहां ये बताना जरूरी है कि डॉ प्रभाकर वर्तमान में जिला मुंगेली में सीएमएचओ के प्रभार में है।
मुंगेली सीएमएचओ डॉ प्रभाकर अपने पद व रसूख के दम पर विभागीय और पुलिसिया कार्यवाही से बचे बैठे हैं।बहरहाल इसका सही खुलासा तो डॉ प्रभाकर की हैंडराइटिंग का एक्स्पर्ट की जांच के बाद ही होगा।