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*डॉ प्रभात चंद्र प्रभाकर को निलंबित कर विभागीय जांच करने मानवाधिकार ब्यूरो अध्यक्ष ने, सचिव स्वास्थ्य को सौंपा ज्ञापन।*

 *डॉ प्रभात चंद्र प्रभाकर को निलंबित कर विभागीय जांच करने मानवाधिकार ब्यूरो अध्यक्ष ने, सचिव स्वास्थ्य को सौंपा ज्ञापन।*



कवर्धा :- मेडिकल फर्जीवाड़ा मामले में छत्तीसगढ़ मानवाधिकार ब्यूरो अध्यक्ष मो फिरोज खान ने डॉ प्रभात चंद्र प्रभाकर को निलंबित करके निष्पक्ष विभागीय जांच करने के लिए  स्वास्थ्य विभाग के सचिव अमित कटारिया को ज्ञापन सौंपा है।

*जाने क्या है मामला*



वर्ष 2021 में नव आरक्षक जिला अस्पताल कवर्धा के मेडिकल बोर्ड से शारिरिक योग्यता प्रमाण पत्र बनवाने आये थे। खेमराज और डेविड लहरे कलर ब्लाइंड से अनफिट थे उन्हें झुठी कलर विजन नार्मल लिखकर और नेत्र सहायक अधिकारी मनीष जॉय के फर्जी हस्ताक्षर करके फिट मेडिकल दिया गया था। मनीष जॉय ने मामले की शिकायत विभाग और पुलिस में किया है।



*स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिक जांच पर उठ रही उंगलियां*

सीएमएचओ डॉ बी एल राज ने प्रकरण का प्रारंभिक जांच किया है। अपने जांच रिपोर्ट में शिकायतकर्ता मनीष जॉय और बोर्ड लिपिक दीपक सिंह ठाकुर को दोषी ठहराया है। डॉ राज ने जांच में सिविल सर्जन डॉ सुरेश कुमार तिवारी और बर्खास्त आरक्षकों का कथन नही लिया है। डॉ राज ने प्रकरण में दोषी दीपक सिंह ठाकुर और डॉ प्रभात चंद्र प्रभाकर के विरुद्ध अन्यत्र ट्रांसफर की कार्यवाही किया है। प्रकरण में डॉ राज की जांच और कार्यवाही सवालों के घेरे में है।


*झुठी नेत्र जांच रिपोर्ट और फर्जी हस्ताक्षर डॉ प्रभाकर की हैंडराइटिंग*


शिकायतकर्ता मनीष जॉय ने बताया है कि खेमराज के सर्टिफिकेट में डॉ प्रभांत चंद्र प्रभाकर ने मेडिसिन विभाग की जांच रिपोर्ट लिखकर  हस्ताक्षर किया है। सर्टिफिकेट में झुठी नेत्र जांच रिपोर्ट कलर विजन नार्मल और हस्ताक्षर की हैंडराइटिंग और मेडिसिन विभाग के जांच रिपोर्ट की हैंडराइटिंग हूबहू एक समान हैं। पुलिस अधीक्षक को आवेदन देकर हैंडराइटिंग एक्स्पर्ट से जांच की मांग किया है।

*डॉ प्रभाकर का हुआ था पुतला दहन *

छत्तीसगढ़ मानवाधिकार ब्यूरो अध्यक्ष ने ज्ञापन में बताया की डॉ प्रभात चंद्र प्रभाकर कवर्धा में पदस्थ रहते हुए कर्मचारियों से शराब और चिकन की मांग करते थे।  बैगा आदिवासी कर्मचारियों को गली गलौज करते थे उन्हें प्रताड़ित करते थे। सर्व बैगा आदिवासी समाज ने डॉ प्रभांत चन्द्र प्रभाकर का पुतला फूंका था। 


डॉ प्रभाकर वर्तमान में जिला मुंगेली में सीएमएचओ है। प्रकरण में उनकी संलिप्तता है।अपने पद प्रभाव से प्रकरण में चल रही जांच कार्यवाही को प्रभावित कर सकते है। डॉ प्रभात चंद्र प्रभाकर को निलंबित करके निष्पक्ष विभागीय जांच करने के लिए ज्ञापन सौंपा है।

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